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गोरखपुर विमानक्षेत्र


गोरखपुर विमानक्षेत्र


गोरखपुर हवाईअड्डा या महायोगी गोरखनाथ हवाईअड्डा (आईएटीए: GOP, आईसीएओ: VEGK) भारत के राज्य उत्तरप्रदेश के गोरखपुर शहर में गोरखपुर - कुशीनगर राज़मार्ग पर स्थित है। यह एक सैन्य हवाई अड्डा है और शहर से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक घरेलू हवाईअड्डा है और यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। एस्फाल्ट से निर्मित यहाँ एक पक्की हवाईपट्टी है जिसकी लंबाई 9000 फीट है। इसका स्थानीय नाम महायोगी गोरखनाथ हवाईअड्डा है। भारतीय वायु सेना के स्वामित्व वाले इस हवाईअड्डे को एक नागरिक हवाईअड्डे के रूप मे परिचालन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण करता है। 22.5 करोड की लागत से बने इसके टर्मिनल का कुल क्षेत्रफल 23500 वर्ग फीट है।

इतिहास

यहा पर नागरिक विमानों का परिचालन सन १९८० से ही आरम्भ हो गया था लेकिन तब यहां बहुत जयादा उडानें नहीं थीं और बाद में यहां से नागरिक उडाने बन्द हो गईं। इसके बाद सन २००० में यहां से एयर सहारा की उडानें चलीं जो कोलकाता और दिल्ली जाती थीं। इसके नए नागरिक टर्मिनल भवन का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन उड्डयन मन्त्री सुरेश प्रभु ने सितम्बर २०१८ मे किया था। इसके पहले यहां से नागरिक उडानों की बेहतर सुविधाओं के लिये टर्मिनल के पहले चरण (फेज़ १) का लोकार्पण १४ ज़ून २०१७ को योगी अदित्यनाथ ने केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री, भारत सरकार जयंत सिन्हा की उपस्थिति में किया था।

आधारिक संरचना

गोरखपुर के महायोगी गोरखनाथ हवाईअड्डे पर सिर्फ एक ही रनवे है। इसे 11/29 दिशा क्रमांक से दर्शाया गया है। इसकी लम्बाई और चौडाई 2,743 x 46 मीटर (9,000 फीट × 150 फीट) है। इस रनवे का इस्तेमाल भारतीय वायु सेना भी करती है और यह वायुसैनिक अड्डे का ही हिस्सा है। यह 180 से 200 सीटों वाले विमानो के उतरने की क्षमता रखता है। एअरबस का ए320, ए321, बोइंग का 737 यहाँ उतरने व उड़ने वाले कुछ प्रमुख विमान हैं। नया टर्मिनल एक समय में 200 यात्रियों को सम्भाल सकता है और इसका क्षेत्रफल 23500 वर्ग फीट है। इसके निर्माण में कुल 22.5 करोड का खर्च आया। इस हवाईअड्डे पर कार्गो उतारने की सुविधा नहीं है लेकिन इसके जल्द शुरु होने की सम्भावना है। यहां पर यात्रियों के लिये अपने वाहनों के पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

28 मार्च 2021 को, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26.87 करोड़ की लागत से मौजूदा टर्मिनल भवन के विस्तार की नींव रखी, जो कि 3440 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा। आगमन हॉल में दो कन्वेयर बेल्ट से लैस, 10 चेक-इन-काउंटर, एस्केलेटर, लिफ्ट, रेस्तरां होगा और पहली मंजिल में एक अतिरिक्त सुरक्षा होल्डिंग क्षेत्र होगा और विस्तारित टर्मिनल भवन 200 यात्रियों को पीक आवर्स के दौरान संभाल सकेगा।

उड़ानें

गोरखपुर हवाइअड्डे से 6 शहरों के लिये हर सप्ताह लगभग 68 यात्री विमान उड़ान भरते हैं। इनमें दिल्ली, मुम्बई के लिये सबसे ज़्यादा 24 विमान उड़ान भरते हैं। इसके अलावा यहाँ से प्रयागराज, बैंगलोर, कोलकाता, हैदराबाद के लिये प्रतिदिन विमान आते व जाते हैं। यहाँ से इंडीगो, स्पाइस जेट, एलाइंस एअर जैसी विमान कम्पनियां अपनी सुविधाएँ देती हैं। प्रतिदिन गोरखपुर से उड़ानों की कुल संख्या 10 है। यह हवाईअड्डा नागरिक उड़ानों के लिये सिर्फ दिन में ही कार्यरत होता है जबकि रात्रि में हवाई पट्टी को सिर्फ वायु सेना के विमान इस्तेमाल करते हैं।

यातायात

देखें स्त्रोत विकीडाटा क़्वेरी.


नजदीकी हवाईअड्डे

मौसमी या अन्य आपात काल में जब रनवे पर उतरना सम्भव ना हो तब विमानों को उतरने के लिये नजदीकी विमानपत्तनों कि आवश्यकता होती है। ऐसे में गंतव्य से करीबी हवाईअड्डे की दूरी महत्वपूर्ण हो जाती है। गोरखपुर हवाईअड्डा भारत नेपाल की सीमा के करीब स्थित है। नेपाल का भैरहवा हवाईअड्डा यहाँ से सबसे नजदीक 85 किमी की दूरी पर है। घरेलू हवाईअड्डों में वाराणसी, प्रयागराज़ व लखनऊ सबसे करीबी हैं।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ



Text submitted to CC-BY-SA license. Source: गोरखपुर विमानक्षेत्र by Wikipedia (Historical)

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