नारायण दत्तात्रय आपटे (१९११ - १९४९) हिन्दू महासभा का एक कार्यकर्ता था।ब्राह्मण परिवार से था।[उद्धरण चाहिए] इन्हें गांधी-हत्या के मामले में नाथूराम गोडसे के साथ फाँसी दे दी गयी थी।
अदालत में जब गांधी-हत्या का अभियोग चला तो मदनलाल पाहवा ने उसमें स्वीकार किया कि जो भी लोग इस षड्यंत्र में शामिल थे, पूर्व योजनानुसार उसे केवभा में गडबडी फैलाने का काम करना था, शेष कार्य अन्य लोगों के जिम्मे था। जब उसे छोटूराम ने जाने से रोका तो उसने जैसे भी उससे बन पाया अपना काम कर दिया।
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